शिक्षा का उद्देश्य अपने लक्ष्य को प्राप्त करना है। लक्ष्य तक पहुंचने के लिए मेहनत और लगन के मध्य अनुशासन , संस्कार भी एक मंत्र की तरह कार्य करते है। छात्राओं का शिक्षा के प्रति समर्पण का भाव अच्छे संस्कारो तथा अनुशासनात्मक जीवन ही छात्रों के सुन्दर भविष्य एवं लक्ष्य प्राप्ति मे सहायक होता है। संस्कार के बिना प्रतिभा का दुरूपयोग भी हो सकता है। छात्राओं को परीक्षा मे अच्छे अंक हेतु महाविद्यालय की शैक्षणिक टीम अथक प्रयास करती है, जिसके अच्छे परिणाम हमारे सम्मुख है।

महाविद्यालय में अच्छे परीक्षा परिणाम के साथ -साथ छात्राओं को ऐसा माहौल प्रदान किआ जाता है , जिससे वे अनुशासन, समय का मूल्य , नैतिक मूल्य एवं आदर्श, आत्मरक्षा , स्वछंदता आदि गुणों को अपने अंदर समायोजित कर सके और इन सबके माध्यम से आत्मनिर्भर, संस्कारमय, एवं दायित्वों को पूर्ण समझकर एक जागरूक नागरिक बने, जिससे जागरूक एवं चेतना पूर्ण समाज की स्थापना हो सके क्योकि ये ही भारत के आने वाले भविष्य का निर्माण करेंगे।

आपके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाये ……..

डॉ. अनुपमा छाजेड़

प्राचार्या